आने वाले बोर्ड परीक्षा से जुड़े साइंस की विद्यार्थियों की संख्या, चलित mdm व पूर्व एमडीएम में हुए गड़बड़ी को नहीं बता पाये बीईओ

          कारगुज़ारी पर उभर रहे कई सवाल, जब दर्ज संख्या नहीं मालूम तो कैसे होगी स्कूलों का संचालन, कैरियर मार्गदर्शन में दिखाई दी इनके आधे अधूरे जानकारी और लापरवाही भी चूंकि बहुत सारे छात्र नहीं पहुंच पा रहे थे स्टेडियम में।
          किसी भी खंड स्तरीय संस्था प्रमुख के पास अपने कार्यक्षेत्र से जुडे आंकडों की जानकारी नहीं होना उसके कार्य दक्षता पर सवालिया निशॉन खडे करते हैं जबकि प्रदेष की संवेदनषील सरकार षिक्षा और विकास को लेकर दुहाई देती रही है ऐसे में संबंधित संस्था प्रमुख किस तरह से योजनाओं को क्रियान्वित करेगे इस पर प्रषासन को भी आगे आने की जरूरत है। इनकी ऐसी लापरवाही से कैरियर मार्गदर्शन में लगभग 500 छात्र इनके लापरवाही से शामिल होने से वंचित हो जा रहे थे। ज्ञात हो कि षासन द्वारा इन दिनों 10वी 12वी की परीक्षा मार्च में संपन्न कराने का निर्णय लिया गया है ऐसे स्थिति में साईंस के विद्यार्थीयों को परीक्षा के पुर्व प्रेक्टिकल परीक्षा से गुजरना पडता है जिसके लिये प्रयोगषाला में संबंधित उपकरण के साथ उसके सहयोगी सामग्री की भी जरूरत होती है। क्षेत्र के स्कुलों में अध्ययनरत साईस के विद्यार्थीयों के समक्ष प्रायोगिक सामग्रीयों की स्थिति जानने के लिये बिते दिनांक को पुसौर बीईओ देवांगन से 10वी और 12वीं में अध्ययनरत विद्यार्थीयों का दर्ज संख्या चाही गई जिसकी जानकारी उनके पास नहीं था जबकि वे खंड शिक्षा अधिकारी कहलाते हैं। इसी कडी में बिते बोर्ड परीक्षा में असफल हुये विद्यार्थीयों के लिये षासन द्वारा क्या उपाय किये जा रहे हैं इस पर इन्होने बताया कि इन्हें 5 साल का परीक्षा प्रष्न पत्र देकर तथा लगातार होम वर्क दिया जाकर तैयारी किया जा रहा है। इसी कडी में पुर्व में मध्याह्न भोजन की राशि एमडीएम में हुये लगभग 25 लाख रूपये की गडबडी के संबंध में जानकारी ली गई जिसमें इन्हौने बताया कि डीपीआई में जांच हो चुकी है और विभाग द्वारा संबंधित दोशी लिपिक को सस्पेंट कर बाहाल भी कर दिया गया है। इसका मतलब है कि 25 लाख के गडबडी करने वाले को सस्पेंट करना ही उसका दंड है और संबंधित गडबडी राषि की भरपाई नहीं। जानकार बताते हैं कि इस गडबडी में विभाग का एक खास कुनबा जुडा हुआ है जो इतनी बडी राषि को हजम करने केवल एक ही व्यक्ति को मोहरा बनाकर आगे किया गया और उसे उबार भी दिया। इस कार्यवाही को विभाग गडबडी राषि की भरपाई मान कर संपुर्ण कार्यवाही पुरी हो गई ऐसा हवाला दिया जा रहा है। ऐसे स्थिति में षासन प्रषासन में बैठे षिर्शस्थ लोगों को स्वयं संज्ञान में लेने की जरूरत है और खास कर रायगढ विधानसभा, जो कि हाई प्रोफाईल क्षेत्र के रूप में प्रदेष में चिन्हांकित है ऐसे स्थिति में यहां के 25 लाख की गडबडी में यदि मिट्टी पलित हो जाये तो षायद षासन पक्ष और विपक्ष किसी के लिये भी उचित नहीं होगा चूंकि जनता सब देख रही है। उल्लेखनीय है कि मोटे मोटे जानकारी पुसौर बी ई ओ देवांगन के पास होता है और बारीकी जानकारी जिससे कि व्यवस्था में संतुलन स्थापित होता है उसकी नहीं होती, ऐसे में बताया जाता है कि पुसौर जैसे शिक्षा के जब में इस तरह के अधिकारी कुछ ही समय के लिए हो सकते है।

Goutam Panda

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EDITOR - CG LIVE NEWS

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