
ठगे से महसूस कर रहे यहां के लोग, आश्वासन के मुताबिक नहीं मिला सुविधा, गेट के पहरेदार गायब तो वहां की जमीन भी बिकी।
नगर पंचायत पुसौर में सन 2010 के आस पास भाठिया कालोनी की स्थापना होने की जानकारी प्रकाश में आया है। जानकारी के मुताबिक तत्कालीन समय में लोगों को यह मालूम था कि यहां पानी , सफाई, सुरक्षा, के साथ स्वच्छ वातावरण व आस्था के प्रतीक मंदिर एवं बच्चों के लिए छोटा मोटा खेल मैदान का होगा जिसमें वर्तमान मंदिर तो बना हुआ है लेकिन जल व्यवस्था,, निस्तारी पानी निकासी सुविधा, सफाई व्यवस्था आदि की समुचित सुविधा का अभाव है। 2010 के आसपास इन्हीं सारी सुविधाओं से आकर्शिक होकर लोगों ने अपनी अपनी क्षमता के अनुसार यहां जमीन ली और अपने अपने मकान बनाये। कालोनाईजर द्वारा उक्त कालोनी का हंेड ओभर नगर पंचायत पुसौर को करने पर यहां पानी की अव्यस्था, सफाई आदि को लेकर यहां के रहवासी अब परेषान होने लगे है जिसके कारण इन्हें हडताल पर भी उतरना पडा था इसके बावजुद भी उक्त कालोनी में सारी समस्यायें यथावत् बनी हुई है। कालोनी वासियों ने कालोनाईजर एवं नगर पंचायत प्रबंधन के बीच के कई सारे तथ्यों को जिला कलेक्टर के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करने की तैयारी में है। बताया जाता है कि भाठिया कालोनी प्रमुख द्वारा शासकीय बेशकीमती जमीन लेकर उसके बदले काष्तकारी जमीन नगर पंचायत पुसौर के नाम दी है जिसकी जानकारी वर्तमान नगर पंचायत पुसौर सीएमओ ललित साहू को नहीं है। ऐसे में कई तरह के सवाल खडा हो रहे हैं जिस पर जिम्मेदार लोगों को आगे आकर इसके समाधान करने की जरूरत महषुश की जा रही है जिससे कि कालोनी वासियों के समस्याओं को अपेक्षाओं की पूर्ति सके और नगर जन सामान्य लोगों को भी यथास्थिति से अवगत हो पाए। ज्ञात हो कि भाटिया द्वारा शासकीय जमीन लेने के बदले में 2 एकड़ काश्तकारी जमीन नगर पंचायत के नाम दी है जिसे 15 साल हो चुके है और यह यहां के सीएमओ के जानकारी में नहीं है इसका मतलब यह है कि ये दस्तावेज में दर्ज नहीं है। जानकारों की माने तो इस जमीन में प्रतिवर्ष धान फसल उगाया जाता है ऐसे में संबंधित नागर पंचायत के आय में दर्ज होनी चाहिए थी जो अब तक नहीं है।
