केंद्र सरकार द्वारा संचालित डाक विभाग को करीब से जाने छात्र, पोस्टकार्ड , अंतर्देशी पत्र, रजिस्ट्री पत्र, मनी आर्डर , बैरंग पत्र, अर्जेंट काल व तार के संबंध में जानकारी लिए छात्र।

दूर दराज में रहने वाले अपने लोगों के बीच संवाद में बने रहने के लिए डाक घर कभी मूल साधन था और कतिपय तथ्यों में अभी भी डाकघर उपयोगी हैं। हिंदी और अंग्रेजी के विद्यार्थी आज भी चिट्ठी लिखने का अभ्यास करते है जो आज भी प्रासंगिक है। कुछ दशकों से डाक घर के जरिए कई कल्याणकरी योजनाएं चलाई जा रही है इन सभी से रूबरू कराने अभिनव विद्या मंदिर पुसौर अपने विद्यार्थियों को पढ़ाई के अतिरिक्त समय में शैक्षणिक भ्रमण करवाया जो हायर सेकेण्डरी के वाणिज्य संकाय के विद्यार्थियों को प्राचार्य अक्षय कुमार सतपथी के निर्देशन में तथा व्याख्याता संतोष पटेल एवं अभिनव सतपथी के मार्गदर्शन में एवं अभिनव शिक्षण समिति के कोषाध्यक्ष घनश्याम पटेल की उपस्थिति में हुआ। उप डाकपाल सुन्दर चौहान, सहायक प्रियंका साव, ऋतेश सिदार भानुप्रकाश बुधिया द्वारा डाकघर का इतिहास पीपीएफ एम आई एस आर डी खाता वरिष्ठ नागरिक खाता बचत खाता सुकन्या योजना टिकट्स आहरण एवं जमा पर्ची पोस्ट कार्ड आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई वहीं छात्रों को संचालक अक्षय कुमार सतपथी ने बताया कि पोस्ट कार्ड, अंतर्देशीय पत्र, रजिस्ट्री पत्र विथ एकनालेजमेंट व बैरंग पत्र के बारे में अलग से जानकारी दिया चूंकि यह प्रचलन में कम हो गया है। बैरंग पत्र के बारे में बताते हुये कहा कि बैरंग पत्र की राषि पत्र पाने वाले को देना होता है जैसा कि आज सामग्री डिलेवरी के समय होता है।
