
शासन की संवेदनशीलता तब प्रमाणित होती है जब समाज का अंतिम व्यक्ति शासन के कल्याणकारी योजनाओ का लाभ ले पाता है, उसे समय पर न्याय मिलता है और सुरक्षित रहता है, लेकिन डबल इंजन सरकार में भी यह संभव नहीं हो पा रहा है जो अपने आप पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है । यह वाकिया जिला मुख्यालय लगभग 13 कि मीटर दूर ग्राम झारमुडा का है जहां के कुछ वयोवृद्ध हितग्राही आवास के मजदूरी राशि और शौचालय निर्माण की राशि प्राप्त करने के लिए पिछले 4 साल से अपने पंचायत दप्तर और पुसौर जनपद दफ्तर का चक्कर लगा रहे है ।
मालूम हो कि पुसौर जनपद के कार्यालयीन समय में झारमुडा ग्राम पंचायत के कुछ बयोवृद्ध फरियादी जिन्हें कि उनके आवास और शौचालय निर्माण की राशि जो पिछले 4 साल से नहीं मिली है इसके लिये ये कार्यालय प्रमुख सीईओ से मिलकर अपनी इस व्यथा को मय दस्तावेज के अवगत कराने वाले थे लेकिन ये इसमें सफल नहीं हो पाये और वापस मायूस होकर लौटे। जानकारी के मुताविक लगभग 10 बजे से पुर्व सीईओ विवेक गोस्वामी कार्यालय में पहुंच कर वंदेमातरम राश्ट््रीय गीत के आयोजन को लेकर अपने स्टाफ एवं जनप्रतिनिधियों के साथ व्यस्त थे इस बिच ये फरियादी जनपद के द्वार पर निचे बैठे रहे। बताया जाता है कि झारमुडा के बयोवृद्ध नानदाई सिदार जिन्हें अपने 3 परिजनों के सेप्टीक का राषि 12 हजार के मान से 36 हजार रु प्राप्त होना है। इसी तरह कसिला सिदार को उसके आवास के मजदूरी राषि 15 हजार रु प्राप्त होना है ओर मायावती , गंगाचरण चौहान , बुदली और कारतीक सिदार को भी क्रमषः उनके आवास के मजदुरी राषि 15-15 हजार रूप्ये प्राप्त होना है जो पिछले 4 सालों से नहीं मिला है। फरियादियों के उम्र 75 से 80 वर्श के हो सकते है ऐसे में ये कहा जा सकता है कि इनके एक पैर मुक्तिधाम में तो दुसरा पैर अपने धाम में है कहीं से ये नहीं लग सकता है कि ये झुठ बोल रहे हों बावजुद इसके इन्हें शासन से मिलने वाले आवास और शौचालय की राषि नहीं मिला है जो शासन के न्याय व्यवस्था पर कई तरह सवाल खडे कर रहे हैं। इस संबंध में सीईओ गोस्वामी ने बताया कि मेरे पास इस तरह के कोई व्यक्ति नहीं आये हैं और नहीं इसकी सुचना मिली है। राशि नहीं मिलने को लेकर फरियादियों ने बताया कि वहां के रोजगार सहायक के द्वारा ये राषि मिलना है जिसमें उसके द्वारा रूचि नहीं दिखाया जा रहा है जिसके कारण आज 4 वर्श हो चुके हैं उसका भुगतान नहीं हो पाया है।
