राष्ट्रीय गीत गायन: क्षेत्र में दिखी उत्साह, कहीं सवालों का घेरा भी!

   भारत के राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम” के 150वें वर्ष पूर्ण होने पर शासन के निर्देशानुसार 7 नवंबर से 14 नवंबर तक (और 26 जनवरी, 15 अगस्त  के साथ पुनः नवंबर के पहले सप्ताह में ) इस प्रकार कुल 4 चरणों में सामूहिक गायन का आयोजन किया जाना है। जिले के सरकारी और निजी संस्थानों में इसका पहला चरण शुरू हो चुका है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है।

  • जनपद पंचायत पुसौर: अध्यक्ष हेमलता चौहान और सीईओ विवेक गोस्वामी ने सस्वर गायन में हिस्सा लिया, और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का भाषण सुना।
  • नगर पंचायत: सीएमओ साहा और उपाध्यक्ष उमेश साव ने इस कार्यक्रम को बड़े तन्मयता संपन्न किया
  • आईटीआई: प्रिंसिपल और छात्रों ने भावपूर्ण प्रस्तुति दी।
  • अभिनव विद्यामंदिर: प्राचार्य अक्षय कुमार सतपथी ने बच्चों के साथ गीत गाया।
  • तहसील, कृषि कार्यालय, आईसीडीएस में भी आयोजन हुआ।
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीएमओ डॉ नायक के नेतृत्व समूचा स्टाफ आए हुए आम आदमी भी राष्ट्रीय गीत में शामिल हुए।

लेकिन कागजी खानापूर्ति भी हुई:

  • कई संस्था प्रमुखों ने मोबाइल मैसेज भेजकर जिम्मेदारी निभाई।
  • आनन-फानन वीडियो बनाए, लेकिन भावना गायब।
  • कुछ अधिकारियों ने आयोजन “बाद में” कर  टाल दिया।

शासन का आदेश:
बंकिम चंद्र चटर्जी की रचना “वंदे मातरम” को सभी सरकारी/शैक्षणिक संस्थानों में भावपूर्ण तरीके से गाना अनिवार्य है, ताकि देशभक्ति की भावना बढ़े।

लोक प्रतिक्रिया:

  • “यह सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने का अवसर है।”
  • “कागजी फरमान से बेहतर है इसे दिल से गाया जाए।””स्कूलों में बच्चों को सही जानकारी दें, न कि औपचारिकता।”

Goutam Panda

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EDITOR - CG LIVE NEWS

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