एग्रीस्टेक किसानों के लिये बना नया सरदर्द, तहसील का लगा रहे चक्कर

        प्रदेश शासन द्वारा इन दिनों किसानों के कब्जा काष्त फसल का एग्रीस्टेक किया जा रहा है जिसमें कई किसानों के रकबे आधे अधुरे दिख रहे हैं और समुचे रकबे में धान बिक्री करने के लिये उन्हें एग्रीस्टेक कराना पड रहा है जिसके लिये तहसील कार्यालय में किसानों की भीड उमड रही है

तहसील कार्यालय पुसौर

     यहां यह खास बात है कि हल्का पटवारी गण किसानों को बुला बुला कर उनके धान फसल का एग्रीस्टेक करने समुचे दस्तावेज तैयार कर रहे हैं। जानकार बताते हैं कि गिरदावरी करते समय इसका ध्यान नहीं रखा गया जिसके फलस्वरूप किसानों के समुचे रकबे का बी-1 खसरा भुईया षाखा में नहीं दिख रहा है जबकि इसके पुर्व नियमित रूप से सभी किसानों का दिख रहा था और धान बिक्री करने में कोई परेषानी नहीं होती थी। इसी कडी में शासन द्वारा अपेक्स बैंक में केवाईसी कराना भी जरूरी बताया गया है जिसके कारण एपेक्स बैंक में रोज लाईन लग कर किसान अपने अपने खाते को केवाईसी करा रहे हैं। सुत्रों के मुताविक समुचे प्रदेष में 7 लाख किसानों का एग्रीस्टेक होना है वहीं पुसौर तहसील में कई हजार किसानों का होना है और 15 नवम्बर से धान खरीदी प्रारंभ होने जा रहा है जो लगभग डेढ या दो माह तक चलता है इस बीच यदि एग्रीस्टेक कार्य होना जारी रहेगा तो कोई भी किसान धान बिक्री से वंचित नहीं होगा और बंद होगा तो ज्यादातर किसान धान बिक्री करने से वंचित हो सकते हैं। पुसौर तहसील कार्यालय में नव पदस्थ तहसीलदार अनुराधा पटेल एग्रीस्टेक के लिये आ रहे किसानों के समस्याओं को गंभीरता से सुन रहे हैं इस बिच व्यवधान होने पर अपने तीखे तेवर से संबंधित लोगों को बाहर का रास्ता भी दिखा रहे हैं। किसानों के कार्य को गंभीरता से लेने के कारण न्यायालयीन कार्य को बहरहाल टालने की बात कही जा रही है वहीं नायब तहसीलदार पंकज मिश्रा कार्यालय से बाहर के शासकीय कार्य को निपटाने में ज्यादा समय लगने के तथ्य सामने आये है जिसके कारण तहसील कार्यालय में किसानों की भीड इन दिनों बहुत ज्यादा देखने को मिल रहा है। कोतासुरा के किसान व अधिवक्ता तेजराम मालाकार इस संबंध में बताया कि एग्रीस्टेक में गडबडी से धान विक्रय पंजीयन में सभी भूमि नहीं दिख रहा है जिससे किसानों को धान बिक्री करने में परेषानी होगी। पुर्व में जिस किसान का 10 एकड में धान विक्रय पंजीयन में दर्ज था अभी वर्तमान में उसका एक भी दर्ज नहीं है ऐसे स्थिति में किसान धान बिक्री करने से वंचित हो सकते हैं। ज्ञात हो कि पुसौर में नव पदस्थ तहसीलदार अनुराधा पटेल रायगढ तहसील में अतिरिक्त तहसीलदार के पद कार्य कर रहीं थी जहां इनकी जबाबदेही पुसौर की अपेक्षा कम थी चूंकि यहां इन्हें समुचे तहसीलदार का भार है।

Goutam Panda

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EDITOR - CG LIVE NEWS

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